Saturday, February 8, 2020

DRDO ने बनाया मानवरहित वाहन जो आतंकवाद की कमर तोड़ेगा – जाने खासियत


DRDO ने बनाया मानवरहित वाहन जो आतंकवाद की कमर तोड़ेगा – जाने खासियत

रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) शाखा व्हीकल रिसर्च डेवलपमेंट एस्टेब्लिशमेंट (VRDE) ने AUGV नामक ऐसा वाहन बनाया है, जिसे बिना किसी मानव के चलाया जा सकता है। यह वाहन दुश्मनों की रैकी करने में अच्छी तरह से सहायक हो सकता है। वाहन का प्रदर्शन यहां डिफेंस एक्सपो 2020 में किया जा रहा है। देश के विभिन्न जगहों पर आतंकी हमले होते रहे हैं और कई बार आतंकियों के मंसूबे सफल भी हो जाते हैं। ऐसे में यह वाहन अपनी विभिन्न क्षमताओं की वजह से आतंकी घटनाओं पर लगाम कसने और भारतीय सेना की मदद करने में सहायक हो सकता है।
DRDO के VRDE विभाग के तकनीक अधिकारी अभिषेक दुबे ने यहां बुधवार को डिफेंस एक्सपो में IANS को बताया, “AUGV नामक यह कार हर प्रकार की चुनौतियों का सामना कर सकती है। यह वाहन कई तरह की खुफिया सुविधाओं से लैश है। चुनौती भरी राह पर योजना बनाना और स्वयं ही नेविगेट करना इसकी खूबी है। क्रूश नियंत्रण हर प्रकार बाधा से बचाने में सहायक होगा। इतना ही नहीं वाहन पर एक ऐसा विशेष सेंसर भी लगा है, जो कि राह पर आने वाली बाधा को भांप कर उसे आसान बनाने में सक्षम है।” दुबे ने बताया,यह वाहन बिना किसी व्यक्ति के बैठे भी चलाया जा सकता है। इसका इस्तेमाल हमारे सेना के जवान कर सकते हैं। इसका इस्तेमाल रास्ते को साफ करने और बॉर्डर रैकी करने के लिए भी किया जा सकता है। इसके अलावा बॉर्डर की सुरक्षा में इसका इस्तेमाल हो सकता है। हथियारों और गोला-बारूद को ले जाने के लिए और आसपास कोई आतंकी खोज निकालने में वाहन सहायक हो सकता है।
उन्होंने बताया, यह वाहन करीब 1600 किलो वजनी है। इस वाहन को 3 तरीके से चलाया जा सकता है। एक स्वयं, दूसरा टेली ऑपरेशन, तीसरा स्वायत्त (ऑटोनॉमस) तरीके से चलाया जा सकता है। यह वाहन समतल रास्ते पर करीब 25 किमी की रफ्तार पर चल सकता है। वहीं ऑटोमोनस पर 40 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से चल सकता है। इसे बनाने की लागत तकरीबन 3 से 4 करोड रुपए है। तकनीकी अधिकारी ने बताया, “नक्सली द्वारा इस्तेमाल किए जाने वाले IED से बचने के लिए अमूमन ग्राउंड को भेदने वाले रडार का इस्तेमाल किया जाता है। उस राडार को चलाने के लिए किसी व्यक्ति या वाहन की जरूरत पड़ती है। लेकिन उस जगह पर हम इस मानव रहित AUGV वाहन का इस्तेमाल कर सकते हैं। जिसे रिमोट के जरिए या पूरी तरह से ऑटोनॉमस चलाया जा सकता है। यह रास्ते में पीछे किसी भी तरह के IED को खोज निकालने और रास्ते को पूरी तरह स्कैन करने में सक्षम है। जिससे जानमाल का नुकसान न हो।”
दुबे ने बताया कि इस तकनीक को हमने पूरी तरह से ऑटोनोमस बनाया है और इतना ही नहीं कोई भी वाहन जो सेना इस्तेमाल कर रही है उससे भी ऑटोनॉमस में तब्दील किया जा सकता है। दुबे ने बताया, पुलवामा जैसा हमला दोबारा ना हो पाए इसकी सजगता के लिए तैयार किया गया है। रैकी के अलावा इस वाहन में गन भी लगाया जा सकता है, जिससे फायरिंग भी की जा सकती है।